Friday, 29 September 2017

सरदार सरोवर बांध -गुजरात

जाने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बांध (dame) के बारे में-- 

आइये जानते है दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बांध के बारे में जो भारत में है--
सरदार सरोवर --दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। जिसका अभी हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2017 को उद्घाटन किया है। यह नर्मदा नदी  पर बना 800 मीटर ऊँचा है। नर्मदा नदी पर बनने वाले 30 बांधों में सरदार सरोवर और महेश्वर दो सबसे बड़ी बांध परियोजनाएं हैं और इनका लगातार विरोध होता रहा है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य गुजरात  के सूखाग्रस्त इलाक़ों में पानी पहुंचाना और मध्य प्रदेश  के लिए बिजली पैदा करना है लेकिन इन  परियोजनाओ की  लागत बहुत अधिक हैं। 
नर्मदा के किनारे  बसे  गांव और कस्बे काफी खुशहाल हैं.इसी राज्य के वह इलाके जो सूखाग्रस्त रहते हैं और वह इलाके भी जो नदी के ऊपरी भाग के दोनों तरफ बसे हुए हैं जिन्हें इस नदी के पानी से ही वंचित रखा जा रहा है.पानी के इस स्थानांतरण के पक्ष में यह कहा गया था कि इसका इस्तेमाल बिजली घरों को बनाने और इनमें पैदा की जाने वाली बिजली यहां के किसानों के काम आएगी. लेकिन जो बिजली घर बने वह निजी मालिकों के हैं.उनकी बिजली ऊंचे दरों पर सरकार खरीदती है. यह महंगी बिजली उन किसानों के, जो पानी की कमी के कारण सूखे खेतों के मालिक बन गए हैं, पहुंच के बाहर है. आज निमाड़ में रहने वाले ग्रामीण लोगों के सामने बहुत बड़ी समस्या है। इस क्षेत्र की उपजाऊ काली मिट्टी नर्मदा के पानी में बहकर  कपास, दूर-दूर तक मशहूर पपीता, विभिन्न तरह की सब्ज़ियां और तमाम अनाज पैदा करती है. लेकिन यही वह इलाका है जो पिछले दो दशकों से ‘डूब’ के डर से घिरी ज़िंदगी बिता रहा है और उसके ख़िलाफ़ लगातार मुक्ति पाने की लड़ाई भी लड़ रहा है.
कई साल पहले  इस इलाके को डूब जाना चाहिए था लेकिन अंतिम क्षणों में सर्वोच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप करके उसे बचा लिया. न्यायालय बांध की ऊंचाई पर रोक नहीं लगा रहा था लेकिन वह डूब से प्रभावित होने वाले लोगों के पुनर्वास को लेकर चिंतित था.इस समस्या को लेके मप्र की मेधा पाटेकर अनसन पर आज भी हैं। एक तरफ जहाँ गुजरात में लिए ख़ुशी का माहौल है  वही दूसरी तरफ़ मप्र के लोगो के लिए एक बड़ी समस्या हैं कुल मिलाकर यह विवाद का केंद्र बन गया हैं।अब देखना यह है कि यह बांध कितने को ख़ुशी देता हैं।


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