Sunday, 24 September 2017

डल झील --श्रीनगर (कश्मीर)




पृथ्वी  का  स्वर्ग कहा जाना वाला  कश्मीर, वास्तव  में  खूबसूरती का अपार भंडार है। श्रीनगर की डल  झील उनमे से एक है।



ये बेहद ही खूबसूरत है यहाँ पर ठण्ड का मौसम हमेशा रहता है जिसके कारन यहां बर्फ से ढ़के पहाड़ और नदियाँ देखते ही बनती हैं 
           डल झील --  डल झील-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के पूर्व में लगभग 20 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैली हुई है। डल झील पहाड़ों में पाई जाने वाली सबसे बड़ी झील है। तैरते हुए द्वीपों और उद्योगों से युक्त सौंदर्यशाली डल झील भारत की प्रमुख झीलों में से है।8  कि.मी. लम्बी और कि.मी. चौड़ी डल झील की उदर-पूर्ति, झेलम नदी एवं सतत् नैसर्गिक प्रपातों के जल से होती रहती है। यह झील मुख्यतः तीन झीलों से मिलकर बनी है। उच्च भागों की श्रृंखला में डल झील को तीन भागों में विभक्त किया गया है- गगरी बल, लोकुट तथा बोड। इसके दक्षिणी मध्य में दो पिकनिक स्थान हैं। यह द्वीप चार चिनार के नाम से विख्यात है। दरअसल चार-चार चिनार के पेड़ दोनों द्वीपों पर होने से इसे चार चिनार नाम से जाना जाता है। झील के पश्चिम में स्थित हरिपर्वत भी दर्शनीय है। दक्षिण में शंकराचार्य मंदिर है।डल झील के मुख्य प्रवाह में भारत के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की स्मृति में नेहरू पार्क नामक तीसरा द्वीप खंड भी है। डल झील के उत्तर में एक उच्चमार्ग जो कोटरखाना (कबूतरों का घर) तक जाता है, अपने अद्भुत् दृश्य के लिए जाना जाता है। 

डल झील के स्फटिक जल के आईने में प्रकृति परी स्वयं अपनी छवि पर रीझ कर ठगी सी स्तब्ध रह गई जैसी लगती है। डल झील के तीनों ओर वे विश्व प्रसिद्ध बाग हैं जो मुगल बादशाहों द्वारा लगवाये गए थे। श्रीनगर से लगभग आठ कि.मी. दूर एक पहाड़ी के नीचे शाहजहां द्वारा लगवाया गया चश्माशाही बाग अन्य बागों से छोटा है पर हिमवत शीतल जल का एक चश्मा इसके सौंदर्य को अनुपम छटा प्रदान करता है। चश्मे का रोगनाशक जल काफी श्रद्धालुओं को प्रतिदिन आकर्षित करता है। चश्माशाही से तीन किलोमीटर दूर प्रसिद्ध निशात बाग है। इसे नूरजहां बेगम के भाई आसफखान ने लगवाया था। यह जहांगीर बादशाह के लगवाये गये शालीमार बाग से अधिक शोभनीय लगता है।डल झील श्रीनगर, कश्मीर में एक प्रसिद्ध झील है। १८ किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई यह झील तीन दिशाओं से पहाड़ियों से घिरी हुई है। जम्मू-कश्मीर की दूसरी सबसे बड़ी झील है। इसमें सोतों से तो जल आता है साथ ही कश्मीर घाटी की अनेक झीलें आकर इसमें जुड़ती हैं। इसके चार प्रमुख जलाशय हैं गगरीबल, लोकुट डल, बोड डल तथा नागिन। लोकुट डल के मध्य में रूपलंक द्वीप स्थित है तथा बोड डल जलधारा के मध्य में सोनालंक द्वीप स्थित है। भारत की सबसे सुंदर झीलों में इसका नाम लिया जाता है। पास ही स्थित मुगल वाटिका से डल झील का सौंदर्य अप्रतिम नज़र आता है। पर्यटक जम्मू-कश्मीर आएँ और डल झील देखने न जाएँ ऐसा हो ही नहीं सकता।
डल झील  ज्यादा आकर्षण की चीज है यहाँ के शिकारे या  हाउसबोट। टूरिस्ट इन हाउसबोटों में रहकर झील का आनंद उठा सकते हैं। कमल के फूल, पानी में बहती कुमुदनी झील की ख़ूबसूरती में चार चाँद लगा देती है

नेहरू पार्क, कानुटुर खाना, चारचीनारी आदि द्वीपों तथा हज़रत बल की सैर भी इन शिकारों में की जा सकती है। इसके अतिरिक्त दुकानें भी शिकारों पर ही लगी होती हैं और शिकारे पर सवार होकर विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ भी खरीदी जा सकती हैं। तरह तरह की वनस्पति झील की सुंदरता को और निखार देती है। । टूरिष्ट  के लिए अनेक प्रकार  के मनोरंजन के साधन जैसे कायाकिंग (एक प्रकार का नौका विहार), केनोइंग (डोंगी), पानी पर सर्फिंग करना तथा ऐंगलिंग (मछली पकड़ना) यहाँ पर उपलब्ध कराए गए हैं। डल झील में पर्यटन के अतिरिक्त मुख्य रूप से मछली पकड़ने का काम होता है। डल झील दुनिया की पहली झील है जहाँ वायरलेस सुविधा हैं।  

                                                                                          


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