Sunday, 1 October 2017

नालंदा विश्वविद्यालय

आइये जाने भारत के  सबसे पुराने विश्वविद्यालय के बारे में--




नालंदा विश्वविद्यालय बिहार  के राजगीर नामक स्थान हैं.पुराने  भारत  में  शिक्षा का सबसे  अच्छा  विख्यात केन्द्र यही था .आइये चलते है इसके इतिहास बारे में जानने ,बिहार के नालंदा जिले में नालन्दा विश्‍वविद्यालय था, जहां देश - विदेश से  छात्र उच्च शिक्षा के लिए आते थे। आजकल इसके अवशेष मात्र  ही दिखलाई देते हैं।  प्रसिद्ध 'बौद्ध सारिपुत्र' का जन्म यहीं पर हुआ था। प्राचीन बौद्ध विश्वविद्यालय भी यही हैं जो बुद्ध  जीवियों के लिए बौद्धिक स्थान था।  अब तो नालंदा के खण्डहर ही स्थित हैं। यहाँ की शिक्षा प्रणाली बहुत ही बेहतरीन हुआ करती थी। यहां 10,000 छात्रों को पढ़ाने के लिए 2,000 शिक्षक थे। प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने 7वीं शताब्दी में यहाँ जीवन का महत्त्वपूर्ण एक साल एक विद्यार्थी और एक शिक्षक के रूप में बिताया था।ह्वेनसान्ग  के अनुसार 470 ई. में गुप्त सम्राट नरसिंह गुप्त बालादित्य ने नालन्दा में एक सुन्दर मन्दिर निर्मित करवाकर इसमें 80 फुट ऊंची तांबे की बुद्ध प्रतिमा को स्थापित करवाया।

गुप्तकालीन शासक कुमारगुप्त ने  नालन्दा विश्‍वविद्यालय की स्थापना की था। नालन्दा विश्‍वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए जावा, श्रीलंका, चीन, तिब्बत व कोरिया आदि के छात्र आते थे।ह्वेनसांग ने बताया की उस समय नालन्दा विश्‍वविद्यालय में 8500 छात्र एवं 1510 अध्यापक थे। इसके प्रख्यात अध्यापकों शीलभद्र ,धर्मपाल, चन्द्रपाल, गुणमति, प्रभामित्र, जिनमित्र, दिकनग  ज्ञानचन्द्र, नागार्जुन  आदि थे।



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