Monday, 25 September 2017

मुंडेश्वरी मंदिर--बिहार


भारत का सबसे पुराना मंदिर -मुंडेश्वरी माता का मंदिर 


इतिहास की  नजर में यह मंदिर भारत का ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे प्राचीन मंदिर है.जो कि  बिहार के कैमूर जिले में स्थापित मुंडेश्वरी माता का  मंदिर है। ऐसा माना जा रहा है कि इस मंदिर में पिछले 2000  सालों से लगातार पूजा हो रही है। 

बिहार के कैमूर जिले के भगवानपुर क्षेत्र में पवरा पहाड़ी पर 608 फीट की ऊँचाई पर यह मंदिर हैं। यहाँ से मिले शिलालेख से यह पता चलता है  कि यह राजा उदय सेन के शासन काल में इसका निर्माण हुआ।  शिल्पकला  व चित्रकारी से उत्तर  गुप्तकालीन समय की लगती हैं। इस मंदिर की सबसे खाश बात यह है कि यह पर भगवान शिव की पंचमुखी शिवलिंग  है, जो की बहुत ही दुर्लभ है। मां मुंडेश्वरी को  दुर्गा का वैष्णवी रूप कहा जाता है इसलिए यहा  वैष्णवी  माता की मूर्ति है। मुंडेश्वरी माता की प्रतिमा वाराही देवी की प्रतिमा है, क्योंकि इनका वाहन महिष(भैंसा ) है। यह मंदिर आठ कोणों से बना है इसलिएइसे  अष्टकोणीय भी कहते है। मंदिर का मुख्य  द्वार दक्षिण की ओर  है। 

मुंडेश्वरी मंदिर की सबसे खास  बात यह है कि यहा  पर पशु बलि की प्राचीन परम्परा हैं उससे भी खास बात यह है बलि तो बकरे की दी जाती है लेकिन उसको मारा नई जाता हैं।   यहा पर ए दिन खुदाई के दौरान गणेश ,शिव और भी देवी देवताओं की मूर्तियां मिलती रहती है। इसलिए पुरातत्व वालों ने मूर्तियों को पटनाके संग्रहालय में रखवा दिया है।  तीन प्रतिमाएं 'कोलकाता संग्रहालय' में हैं।यह मंदिर आस्था और श्रद्धा का प्रतिक है यहाँ पर हज़ारो की संख्या में रोज लोग आते  है।

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